Horoscope Analysis of Rahul Gandhi

rahulgandhi

वर्तमान राजनितिक परिस्थितियों में नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कांग्रेस को उन परिस्थितियों में पहुंचाया जिसकी कभी कल्पना न शायद उन्होंने और  देश की किसी भी कांग्रेसी  ने कभी सपने में की होगी, राहुल गांधी (Rahul Gandhi ) जिनके नेतृत्व में वो चुनाव लड़ा गया आज भी कांग्रेस के सर्वेसर्वा है , उनके  ऊपर कांग्रेस को वापिस सम्मान जनक परिस्थिति में लांने की जिम्मेदारी है,  इसमें कोई शक नहीं की गांधी परिवार के वारिस होने के बावजूद भी भाग्य ने उन्हें पुरे उतार चढाव दिखाए , 19 जून 1970  को जन्मे राहुल (Rahul Gandhi) के जन्म समय को   ले कर बहुत से confusions है परन्तु सुबह 5.50 के समय को सदैव मैंने सही पाया।  समझते है उनकी कुंडली को।

सबसे पहले देखे उनके जीवन का सबसे बड़ा राजनितिक झटका (downfall) उन्हें लगा may -2014 में , इस समय वे गुजर रहे थे चन्द्र में बुध की अन्तर्दशा में, चन्द्रमा ( Moon) उनकी कुंडली में नीच की वृश्चिक राशि में छठे स्थान में बैठा है , साथ ही छठे भाव का स्वामी मंगल लग्न में और मिथुन लग्न होने से लग्न का lord है बारहवे स्थान (12th house) में ,  मैंने हमेशा कहा है की  अगर लग्न या दशम का  बारहवे भाव से सम्बन्ध बन रहा है तो राजभंग  योग ( Click to read about RajBhang Yoga) का निर्माण होता है और ये बड़े downfall का कारन बन सकता है।  इनके 5th house का lord शुक्र (venus) भी नवमांश कुंडली में नीच का है अतः राजभंग योग (Yoga to Give Downfall) के जितने कारन बन सकते है सब कुंडली में उपलब्ध है।  

इस समय में उनके बारहवा और छठा (12th house और 6th House) भाव पूरी तरह से Active थे , साथ ही चन्द्रमा बुध के नक्षत्र में (12th house से connection ) और बुध चन्द्रमा के नक्षत्र में (6th house से connection) ,  चन्द्रमा आत्मकारक (AK ) ग्रह भी है  और हमेशा मैंने कहा है की AK की दशा बहुत कड़वे अनुभवों वाली रहती है , अतः कोई सम्भावना नहीं थी की राजपाट और सम्मान बचा रहता , साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष और इनकी माताश्री Soniya Gandhi की कुंडली में भी Downfall का योग है। 

 

शुक्र बारहवे भाव (12th house for loss of any kind ) का भी lord है और नवमांश में नीच का है , अप्रैल 1981 अप्रैल 2001 तक उसी दशा में थे ,  उस दरम्यान उन्होंने राहु की अन्तर्दशा (राहु 9th house में भाग्य में अवरोध देता है ) में जिसके साथ शुक्र का षडाष्टक योग है अपने पिता को खोया ,  दादी श्रीमती इंदिरा गांधी (indira gandhi) की हत्या भी इसी दशा की शुरुआत में हुई थी। 

लग्न में सूर्य (sun) और मंगल (mars) है  जिन पर मजबूत  गुरु की दृष्टि है , सूर्य की दशा में ही   राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने Politics में कदम रखा , 5th House में बैठा गुरु नवमांश कुंडली और लग्न कुंडली दोनों में तुला (Libra) राशि में है , ऐसे वर्गोत्तम गुरु के प्रभाव अधिक शुभ  होते है , यही कारण  है की भाग्य भाव (9th house for father and fortune)  और उसके lord शनि पर गुरु की दृष्टि ने उन्हें solid पारिवारिक पृष्ठभूमि दी।  Click to read other Blogs 

गुरु का शनि से सम सप्तक योग है अर्थात गुरु पर शनि की दृष्टि है , साथ ही 9th house के राहु पर गुरु की और उस राहु की गुरु पर , यहाँ ये गुरु पूर्ण  से ब्रम्हदोष  से दूषित हुआ , गुरु 7th house (marriage ) का lord

है , यही कारन रहा की आजतक विवाह के क्षेत्र में अनिश्चिंतता बनी हुई है।

गुरु की ही तरह सूर्य जो की पिता के अलावा पितरो का भी कारक ग्रह है पर भी शनि और राहु दोनों की कुदृष्टि है शायद यही कारन रहा की परिवार में पिता , दादा (Feroz Gandhi) और चाचा (sanjay gandhi) कई लोग अचानक मृत्यु के शिकार हुए, सूर्य के अत्यन्त दूषित होने की वजह से ही अभी तक कोई बड़ी राजनितिक सफलता हाथ नहीं लगी है।

अगले लोक सभा चुनाव एवं आने वाले अन्य महत्वपूर्ण  चुनावो के समय राहुल मंगल की महादशा में होंगे जो 2017 से शुरू होगी , परन्तु वो छठे भाव का स्वामी है और राहु के  नक्षत्र में है जो नवम भाव (भाग्य) में है , चन्द्रमा की तरह एकदम बुरी स्थिति नहीं है , अतः नवम (fortune) और लग्न भाव (top position) active होंगे साथ ही गुरु की शुभ दृष्टि उस  पर है , हलाकि राहु और शनि की अशुभ दृष्टि भी  उस पर है , कुल मिला कर कहे तो ये समय अच्छी सफलता दिलाने आज से अधिक शक्तिशाली होने का है फिर भी उस position से बहुत दूर जंहा वो स्वयं अपने आप को , उनकी माताजी और उनके सहयोगी उन्हें देखना चाहते है। 

पंकज उपाध्याय

इंदौर

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