Jayalalithaa Jayaram का जन्म 24 फ़रवरी 1948 को हुआ , अंक शास्त्र के अनुसार उनका Psychic No.(जन्मांक) 6 , Life Path No (भाग्यांक ) 3 और Name Number (नामांक) 7 है , जन्मांक 6 जो कि शुक्र (Venus) का अंक है , शुक्र मनोरंजन , फिल्म ,मीडिया और शोहरत कि दुनिया का ग्रह है , उसने अपने स्वभाव के अनुसार ही जयललिता (Jaylalitha) को मनोरंजन की दुनिया से लेकर राजनीती तक अपार लोकप्रियता दी। भाग्यांक के रूप में सात्विक ग्रह गुरु (jupiter) का अंक 3 बहुत ही अच्छा प्रभाव देने वाला माना जाता है। शुक्र और गुरु दोनों ही ग्रह जयललिता कि कुंडली में केंद्र में अर्थात 10th और 7th House में विराजित है , शुक्र का अपनी उच्च कि राशि मीन में हो कर केंद्र भाव में होना मालव्य और हंस महापुरुष योग बन रहे है, यंहा गुरु 10th House का lord है और कर्म भाव को बल प्रदान कर रहा है।
गुरु कभी भी अग्नि तत्व (Fiery) प्रधान राशि में बहुत अच्छा फल प्रदान नहीं करता और जिस भाव में हो उसके लिए तो कभी भी नहीं , बस ये ही बड़ा कारण रहा कि 7th House अर्थात विवाह के भाव में गुरु के होने से वैवाहिक क्षेत्र ख़राब रहा ।
इस कुंडली (Horoscope ) ने Jaylalitha को ऐसे ही महत्वपूर्ण नहीं बनाया , इस कुंडली में दो बड़े राजयोग है , बुध और सूर्य का 9th House में बुधादित्य योग का निर्माण करना और 3rd House में चन्द्र मंगल राज योग बनाना ,वो भी सिंह राशि में (Royal Sign) , ये चन्द्र मंगल योग अपने निर्णयो में स्थिरता और उन्हें स्थापित करने के लिए दृढ़ता और निर्भीकता प्रदान करता है। वंही सूर्य बुध का योग महत्वकांक्षी बना कर सरल भाग्य (smooth Fortune ) प्रदान करता है, हलाकि उनका बचपन बहुत कठिनाइयों से गुजरा , पिता का सुख नहीं मिला , उसका कारण हो सकता है कि 9th House Lord शनि (saturn) का शत्रु राशि कर्क (cancer) में होना और अपने भाव नवम (9th ) से षष्टम (6th ) में होना , साथ ही नवमांश कुंडली में भी शनि बारहवे भाव (12th House ) में उपस्थित है। इधर 4th House पर शनि कि दृष्टि भी ठीक नहीं मानी जाती , इस दृष्टि ने उन्हें बचपन का सुख नहीं लेने दिया।
उच्च के शुक्र (venus) की दशा ने जो कि 10th House (कर्म भाव) में है ने उन्हें बहुत जल्दी फिल्मी दुनिया में स्थापित कर दिया। यंही से उनके कदम राजनीती की तरफ बढे और 1983 (3 ) में वे 36 वे (9 ) वर्ष में उन्होंने राजनीती में पदार्पण किया , इस समय उन्हें चन्द्र कि दशा चल रही है , जिसके बारे में ऊपर लिखा कि उसका योग अटल निर्णय और निर्भीकता देता है। पूर्णिमा के दिन जन्म के कारन चन्द्र बहुत मजबूत है और उसकी दशा ने जीवन में बड़ा परिवर्तन दिया , इस दशा में मिली सफलता का बड़ा कारण चन्द्रमा पर गुरु कि दृष्टि होना भी है।
२४ (6 ) जन 1991 (3 ) के दिन इन्होने पहली बार मुख्यमंत्री पद कि शपथ ली थी , इसी तरह ये वर्ष भी 9 का है मंगल प्रधान , जो की इनके जन्मांक 6 का मित्र अंक है , इन्हे अंको का हमेशा पूरा सहयोग रहा , एकादश स्थान के राहु ने बहुत कुछ दिया , फिर प्रारम्भ हुई गुरु दशा जो की 10th house lord है और लग्न (1st House ) को देख रहा है , अर्थात गुरु दशा में भी पद और प्रतिष्ठा सुनिश्चित ही थी.
पंकज उपाध्याय,
इंदौर
Astrologer
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