पीपल वृक्ष – ग्रहदोष निवारण और समृद्धि का अचूक मंत्र

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भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है वृक्षों में मैं पीपल हु , इस बात का अनुभव पीपल के वृक्ष के सानिध्य में जा कर उसमें स्थित सकारात्मक ऊर्जा ग्रहण कर विचारों  में आये परिवर्तन को महसूस कर समझा जा सकता है।  पीपल वृक्ष न सिर्फ पर्यावरण के प्रदुषण को दूर करने  में बल्कि हमारे समस्त ग्रह दोषो को को भी दूर करने में मदद करता है ,  ग्रह दशाओं को अनुकूल बनाने के अलावा पीपल का वृक्ष से जुड़े कई छोटे छोटे ज्योतिषीय उपाय हमारी धन सम्बन्धी समस्याओं को भी दूर करते है।

पढ़िए पीपल के वृक्ष द्वारा अपनी समस्याओं को और विभिन्न ग्रह दोषो को कैसे दूर करें…

1.   अगर कुंडली में सूर्य दूषित है या  जन्म नक्षत्र का स्वामी है तो ये प्रयोग किये जाने चाहिए।  

(अस्थि तंत्र की स्वास्थ्य समस्या / क़ानूनी अड़चने /नौकरी -व्यापार की परेशानी /पिता -अधिकारी वर्ग से   दिक्कत /पितृत्व सुख में बाधा )

1a. रविवार के दिन प्रातःकाल पीपल वृक्ष की 11 परिक्रमा करें और 11 लाल पुष्प चढ़ाये।

1b. पानी में कच्चा दूध मिला कर पीपल वृक्ष पर अर्पण करें.

1c. पीपल वृक्ष के नीचे बैठ ध्यान करते हुए अपनी समस्या के निदान की प्रार्थना अवश्य करे तो जीवन की समस्त बाधाए दूर होने लगेंगी और सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति भी होंगी।

2.  अगर चंद्रमा सम्बन्धी समस्या है या जन्म नक्षत्र का स्वामी चन्द्रमा है तो ये प्रयोग किये जाने चाहिए। 

(सर्दी जुकाम /जल तत्व सम्बन्धी स्वास्थ्य समस्या / भावनात्मक समस्याए। स्त्रीयों को मातृत्व सुख में समस्या/अमावस्या का जन्म )

1a.  सोमवार के दिन या जन्म नक्षत्र हो उस दिन पीपल वृक्ष की परिक्रमा करते हुए सफेद पुष्प अर्पण करें।

1b. पीपल वृक्ष की कुछ सुखी टहनियों को स्नान के जल में कुछ समय तक रख कर फिर उस जल से स्नान करना चाहिए।

1c. पीपल का एक पत्ता सोमवार को या जन्म नक्षत्र वाले दिन तोड़ कर धुप दे कर साथ ही उस पर सिन्दूर से “ह्रिं” लिख कर अपने कार्य स्थल पर रखने से सफलता प्राप्त होती है और धन लाभ के मार्ग प्रशस्त होने लगते है.

1d. पीपल वृक्ष के नीचे प्रति सोमवार कपूर मिलकर घी का दीपक लगाना चाहिए.

3.  कुंडली में मंगल दूषित या अत्यन्त कमजोर है या जन्म नक्षत्र स्वामी है तो  निम्न प्रयोग लाभप्रद होंगे।  

(दुर्घटना भय होना /शत्रु बाधा / आत्म विश्वास में कमी होना / रक्त सम्बन्धी समस्या होना )

1a. मंगलवार या जन्म नक्षत्र वाले दिन  एक ताम्बे के लोटे में जलले कर पीपल वृक्ष को अर्पित करें।

1b. लाल रंग के पुष्प प्रति मंगलवार प्रातःकाल पीपल देव को अर्पण करें और 8 परिक्रमा अवश्य करे।

1c. पीपल की लाल कोपल को (नवीन लाल पत्ते को) जन्म नक्षत्र या मंगवार के दिन स्नान के जल में डाल कर उस जल से स्नान करें।

1d. जन्म नक्षत्र के दिन किसी मार्ग के किनारे पीपल के वृक्ष रोपण करें।

1e. पीपल के वृक्ष के नीचे मंगलवार प्रातः कुछ शक्कर डाले।

1f. प्रति मंगलवार और अपने जन्म नक्षत्र वाले दिन अलसी के तेल का दीपक पीपल के वृक्ष के नीचे लगाना चाहिए।

4.   बुध का दूषित और कमजोर है साथ ही अगर जन्म नक्षत्र का स्वामी बुध ग्रह है, तो ये प्रयोग किये जाने चाहिए।  

(मानसिक अस्थिरता/ अज्ञात भय / त्वचा -तन्त्रिका सम्बन्धी विकार (neurology) / ध्यान केंद्रित करने में समस्या /वाणिज्यिक बुद्दि में कमी )

1a. बुधवार के दिन या जन्म नक्षत्र वाले दिन पीपल के वृक्ष के नीचे स्नान करना चाहिए।  .

1b. पीपल के  हरे पत्तों को जन्म नक्षत्र और बुधवार के दिन स्नान के जल में डाल कर उस जल से स्नान करना चाहिए.

1c. पीपल वृक्ष की प्रति बुधवार और नक्षत्र वाले दिन  परिक्रमा अवश्य करनी चाहिए।

1d. पीपल वृक्ष के नीचे बुधवार और जन्म नक्षत्र वाले दिन चमेली के तेल का दीपक लगाना चाहिए।

1e. बुधवार को चमेली का थोड़ा सा इत्र पीपल वृक्ष पर अवश्य छिड़कना  चाहिए , इससे अत्यंत लाभ होता है।

5.  अगर नक्षत्र स्वामी गुरु हो या गुरु ग्रह से सम्बन्धी दोष कुंडली में हो तो निम्न प्रयोग किये जाने चाहिए।

(पाचन तंत्र व लिवर सम्बन्धी रोग /पैतृक संपत्ति में विवाद /संतान प्राप्ति एवं विवाह में बाधा / धन की समस्या )

1a.  पीपल वृक्ष को गुरुवार  के दिन और अपने जन्म नक्षत्र वाले दिन पीले पुष्प  और भीगी चना दाल अर्पित करना चाहिए।

1b. पिसी हल्दी जल में मिलाकर गुरुवार  और  जन्म नक्षत्र वाले दिन पीपल वृक्ष पर अर्पण करें।

1c. पीपल के पत्ते को स्नान के जल में डालकर उस जल से स्नान करें, साथ ही इस दिन अखण्डित पीपल का पत्ता ला कर तिजोरी में रखे।

1d. पीपल के नीचे उपरोक्त दिनों में गौ माता के घी का दीपक जलाएं और उसमे केसर डाल दे ।

1e . ॐ नमो नारायणाय मंत्र का जप करते करते हुए पीपल वृक्ष की परिक्रमा करे।

6. शुक्र दूषित या कमजोर है या जन्म नक्षत्र का स्वामी है तो निम्न उपाय किये जाने चाहिए।  

(वैवाहिक जीवन में समस्या /  जीवन में सुख सुविधाओं का अभाव /आकर्षण में कमी होना /नेत्र या गुप्त बीमारी होना )

1a. पीपल के वृक्ष पर इत्र छिड़कना।

1b. जन्म नक्षत्र वाले दिन या शुक्रवार पीपल वृक्ष के नीचे बैठ कर दही से एवं जल से स्नान करना.

1c.  जन्म नक्षत्र वाले दिन और शुक्रवार को पीपल पर दूध और सफ़ेद पुष्प चढाना।

1d . प्रत्येक शुक्रवार प्रातः पीपल की परिक्रमा करना।

1e. पीपल के पत्ते पर रख कर घर में कपूर जलाना।

 

7. जन्म कुंडली में शनि दूषित अथवा कमजोर हो या जन्म नक्षत्र का स्वामी हो तो ये उपाय करे।  

(सामाजिक प्रताड़ना /चोरी से धन का नुकसान /शत्रु बाधा /नियमित स्वस्थ्य समस्या और क़ानूनी भय )

1a.  शनिवार के दिन पीपल पर थोड़ा सा सरसों का तेल चडाना एवं सरसो के तेल का दीपक लगाना।  1b.  शनिवार के दिन और जन्म नक्षत्र के दिन पीपल वृक्ष की परिक्रमा करना और उसके निचे कुछ देर ध्यान करना।

1d. शनिवार के दिन उचित स्थान पर पीपल के वृक्ष रोपित करना।

1e. शनिवार के दिन पीपल की जड़ को सरसो के तेल में डूबा कर काले कपडे में बांध कर रखना।

 

8.  राहु के दुष्प्रभाव से गुजर रहे लोगो के  साथ ही जिनके जन्म नक्षत्र का स्वामी राहु हो उन्होंने ये उपाय करने चाहिए।

(धोखा /जीवन में आये अचानक उतार  चढाव /दुर्घटना / तंत्रिका तंत्र सम्बन्धी गम्भीर समस्या )

1a.  जन्म नक्षत्र के  दिन पीपल वृक्ष की परिक्रमा करते हुए ॐ नमः शिवाय का जप करना

1b. पीपल के वृक्ष के नीचे से मिटटी ले कर उसमे गौ मूत्र या गंगाजल , मिला कर शिवलिंग का निर्माण करना और वंही शांति से उसका अभिषेक कर उसे बहते जल में प्रवाहित करना।

1c.  पीपल पर लाल पुष्प जन्म नक्षत्र या शनिवार वाले दिन चडाना.

1d. जन्म नक्षत्र वाले दिन पीपल के नीचे गौमूत्र मिली स्वेच्छाशरीर पर लगा कर वंही स्नान करना.

1e. पीपल के नीचे बैठा कर किसी जरुरत मंद को मीठा भोजन कराना।

9. दूषित  केतु /केतु की महादशा से गुजर रहे लोगो और जिनका जन्म नक्षत्र केतु हो  उनके  लिए उपाय। 

 (एकाकीपन / संतान सुख की समस्या /अचानक बड़ी धन हानि होना /चेहरे पर  किसी प्रकार की समस्या होना /स्वयं संपत्ति का सुख न होना )

1a.  पीपल वृक्ष पर प्रत्येक शनिवार मोतीचूर का एक लड्डू या इमरती चढ़ाना ।

1b.  पीपल पर प्रति शनिवार गंगाजल मिश्रित जल अर्पित करना /सरसो का तेल चढ़ाना ।

1c.  पीपल पर तिल मिश्रित जल जन्म नक्षत्र वाले दिन अर्पित करना।

1d.  जन्म नक्षत्र वाले दिन पीपल की एक परिक्रमा करना और ॐ केतवे नमः मंत्र का जप करना

1e.  जन्म नक्षत्र वाले दिन पीपल की थोडी सी जटा लाकर उसे धूप दीप दिखा कर अपने पास सुरक्षित रखना।

1f. पीपल के पत्ते पर मीठी रोटी रख का कुत्तो  को खिलना।

विवरण 

 

इस प्रकार से अपने जन्म नक्षत्र स्वामी के दूषित होने या उपरोक्त में से किसी भी ग्रह की महादशा में सही फल न प्राप्त होने की स्थिति में ये उपाय कर के जीवन को सुगम बना सकते है, पीपल का वृक्ष देव  है , इसमें अद्भुत सकारात्मक ऊर्जा का भंडार होता है अतः इन उपायों को करने से तुरंत लाभ प्राप्त  होता है।

 

जिन्हे अपनी दशा या नक्षत्र का ज्ञान न हो वे भी परेशानी की स्थिति में या धन लाभ प्राप्त करने के लिए नियमित पीपल को जलार्पण , नित्य उसकी परिक्रमा विशेष कर एकादशी /पूर्णिमा और अमावस्या एवं संध्या गौ घृत का दीपक लगा सकते है , पीपल की परिक्रमा पितृ दोष निवारक भी होती है , पीपल के वृक्ष के नीचे नारियल के सूखे गोले में खोपरा और शक्कर का बुरा भर कर कर दबाने से धन सम्बन्धी समस्या तुरंत समाप्त होती है।

 

पीपल के पत्ते पर  शनिवार के दिन सिन्दूर  में घी, इत्र मिला कर लक्ष्मी का बीज मंत्र “ह्रिं” लिख कर तिजोरी में रखने से रुक धन प्राप्त होता है एवं धन की समस्या समाप्त होती है।

 

नियमित उपाय से जीवन पर्यन्त किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं होती है और जो बाधा हो वह तत्काल दूर होने लगती है. शास्त्रों के अनुसार पीपल वृक्ष में सभी देवी देवताओं का वास होता है. उन्हीं को हम अपने जन्म नक्षत्र अनुसार प्रसन्न करते है. और आशीर्वाद प्राप्त करते है।

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पंकज उपाध्याय

इंदौर

www.pankajupadhyay.com

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