Some Important Vastu Tips

vastutips

Some Important Vastu Tips

घर हमे प्यार और सम्मान के साथ एक डोर में पिरो कर रखता है, हमें सुरक्षा और एक पारिवारिक पहचान देता है,  धन हम बाहर से कमा कर लाते है पर सुख घर में मिलता है , इस घर के लिए हमारी भी जिम्मेदारी बनती है की हम उसे बुरी नजरो से बचाए और उसमे सकारात्मक ऊर्जा हो ताकि हमारा प्यारा घर हमारे सारे सपनो को पूरा  कर सके।

Vastu Tip No 1 – मुख्य द्वार (Main Entrance Door)

मुख्य द्वार सिर्फ आगंतुकों का ही नहीं सकारात्मक ऊर्जा का भी प्रवेश भी यंही से  होता है, जितना सुन्दर और आकर्षक आपका मुख्य द्वार होगा उतना सकारात्मक वातावरण घर के भीतर होगा।

मुख्य द्वार के आसपास सकारात्मक ऊर्जा फ़ैलाने वाले सुन्दर पौधे और शुभ चिन्ह घर को नकारत्मक ऊर्जा और  बुरी नजर से बचाते है और समृद्धि को आकर्षित करते है।

इस बात का ध्यान रखे की मुख्य द्वार के आसपास कांटे दार पौधे और पानी का ठहराव नहीं होना  चाहिए। इस तरह द्वार के ठीक सामने कोई अन्य घर का द्वार , पुराना खाली मकान या कोई नकारात्मक दृश्य जैसे कचरे का ढेर आदि न हो।

Vastu Tip No. 2 – उत्तर-पूर्व कोण  (North East Corner)

घर का  ईशान कोण आपके घर में सुख – समृद्धि के लिए सकारात्मक ऊर्जा का उत्पादन करता है, इस जगह से अधिक सकारात्मक ऊर्जा किसी अन्य जगह नहीं होती, इस जगह का बंद होना या यंहा  भंडार गृह होना , यंहा पर किसी प्रकार  की गन्दगी या पुराना सामान होना अथवा  टॉयलेट्स  या रसोई घर  होना इस सकारात्मक ऊर्जा के उद्गम को अवरुद्ध कर देता है , अतः यंहा पूजा कक्ष रखे, यहाँ पर भगवान की तस्वीर भी लगा सकते है , संभव हो तो यंहा एक आकर्षक पानी का फव्वारा (फाउंटेन ) भी लगा सकते है , जगह नहीं होने की स्थिति में यंहा सुन्दर जलाशय या जल प्रपात की तस्वीर जरूर लगाए , परन्तु ध्यान रखे तस्वीर में पानी का रंग नीला हो सफ़ेद नहीं , नीला जल सुन्दर शांत होता है और सकारात्मक आभास देता है जबकि सफ़ेद रंग बहुत तेज बहाव के कारण निर्मित होता है जो विध्वंसक होता है।

अध्ययन कक्ष और ध्यान कक्ष के लिए भी ये जगह सर्वोत्तम है , ध्यान रखे ये जगह अन्य दिशाओं की तुलना में अधिक ऊँची न हो।


Vastu Tip No. 3  – बैठक कक्ष (Drawing Room)

बैठक कक्ष आपके और आपके  यंहा आने वाले आगंतुकों के बीच के  रिश्तों की कड़ी है , आजकल कई घरों में ड्राइंग रूम की बैठक  अपेक्षाकृत थोड़ा नीचे बनाया जाता है जो आपके रिश्तों की डोर को “नीचे ” की तरफ ले जाता है।

यंहा पर हमेशा सजावट के लिए और दीवारों पर हलके रंगो का प्रयोग किया जाना चाहिए बजाये की गहरे रंगो के, किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा पैदा करने वाली मूर्तियों और तस्वीरों का उपयोग करने से बचना चाहिए  जैसे युद्ध की , जंगली जानवरों की या किसी प्रकार की डरावनी तस्वीरें।

इस कक्ष में फर्नीचर और  साजसज्जा उतनी ही हो जितनी आकर्षक लगे और जरूरतमंद हो , जरुरत से अधिक वस्तुए ऊर्जा के प्रवाह को अवरुद्ध करती है।

इस कक्ष में सुन्दर तस्वीर भी अवश्य होना चाहिए , विशेष कर भगवान श्रीगणेश की या अपने इष्टदेव की।

Vastu Tip No.  4 – रसोई (Kitchen) 

 

रसोई घर सबको ऊर्जा प्रदान करने और स्वस्थ रखने के अलावा आपकी समृद्धि का सूचक होता है।  ये अग्नि का स्थान होता है अतः भवन के दक्षिण – पूर्व कोण में ही इसका सही स्थान है , कई परिस्थितियों में उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में भी रसोई कक्ष निर्मित किया जा सकता है।

रसोई में पानी का स्थान और अग्नि का स्थान दूर  दूर होना चाहिए , यंहा लगने वाले बिजली के सभी संयंत्र नियत दुरी पर होना चाहिए , भंडार कक्ष किसी भी परिस्थिति में रसोई के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में निर्मित किया जाये तो बेहतर होता है।

दीवारों पर सुन्दर भोजन सामग्री की तस्वीरें , समुचित प्रकाश की व्यवस्था और वायु के निष्कासन की व्यवस्था सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखती है।

रसोई में कभी भी रात्रि में झूठे बर्तन खुली अवस्था में नहीं रखना चाहिए और कम से कम बासी बचा भोजन रसोई में रखा जाना चाहिए , यंहा से पैदा हुई नकारात्मक ऊर्जा धन की आवक को अवरुद्ध करने के साथ साथ गृह स्वामिनी के स्वास्थ्य पर भी  विपरीत प्रभाव डालती है।

Vastu Tip  No. 5 – उत्तर-पश्चिम कोण (North West corner)

 

 

भवन का ये क्षेत्र वायव्य कोण होता है, इस क्षेत्र का अन्य क्षेत्रो की तुलना में अधिक खुला और बड़ा होना वायु की अधिकता को बढ़ाता है जो की आर्थिक समृद्धि के लिए नुकसान दायक हो सकता है , इस क्षेत्र में टैंक होना, गड्डा होना या इस क्षेत्र का अन्य क्षेत्रो की तुलना में अधिक नीचे होना भी  बड़ी परेशानी का सूचक होता है।

मेहमानों के कमरे, बगीचे , बैठक कक्ष और भंडार गृह के लिए ये जगह उत्तम होती है।  इस क्षेत्र में कीमती वस्तुए, तिजोरी , स्थायी संपत्ति के  कागजात , देवघर और पारिवारिक तस्वीरें कभी नहीं रखना चाहिए।

Vastu Tip No. 6 – दक्षिण पश्चिम कोण (South West Corner)

भवन का ये क्षेत्र राहु ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है, ये क्षेत्र अन्य क्षेत्रो की तुलना में भारी होना चाहिए, इस जगह पर किसी भी प्रकार का गढ्ढा , टंकी या टैंक जीवन को असंतुलित कर सकता है।  भवन स्वामी के शयन कक्ष के लिए ये उत्तम जगह है।

इस जगह पर तिजोरी भी रख सकते है परन्तु उसका मुख्य उत्तर की तरफ होना चाहिए , दक्षिण पश्चिम में विवाहित युगल की तस्वीर उनके जीवन को खुशहाल बनाती है।  इस क्षेत्र में कभी भी बगीचा या पेड़ पौधे नहीं लगने चाहिए , ये परिवार में वाद विवाद को बढ़ावा दे सकते है।   इस जगह का सही उपयोग व्यवसायिक ऊंचाइयों को छूने के लिए बहुत अच्छे से किया जा सकता है , जैसे यंहा Blue , Sky Blue , Green , pink रंग का उपयोग।  यंहा पर ऊँचे सुन्दर पहाड़ों , आसमान की ऊंचाइयां छूते बड़े भवन , महँगी कार और भौतिकता को बढ़ावा देती अन्य तस्वीरें लगने से जीवन में महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने में मदद मिलती है।

Also Read..Numerology for Home Address..

www.pankajupadhyay.com

Share

Comments

Write a Reply or Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *



*