कैसे बनाए अपने घर को खुशहाल ?

happyhome

 कैसे बनाए अपने घर को खुशहाल ?

 

जिस प्रकार के वातावरण और लोगो के बीच हम रहते है उसी प्रकार के विचार  हमारे मस्तिष्क  (brain) में जन्म लेते है एवं उसी उन्ही विचारो (thoughts) पर आधारित व्यक्तित्व (personality)  का निर्माण होता है , अर्थात हमारे मन मस्तिष्क को प्रभावित करने वाली सर्वाधिक महत्वपूर्ण जगह है जंहा आप सबसे अधिक समय व्यतीत करते है , आपका कार्यस्थल या निवास।

ज्योतिष (astrology) के अलावा वास्तु एक ऐसा विषय है जिसका मानव जीवन (human life) पर सर्वाधिक प्रभाव पढता है , अगर अनुकूल  है तो सकारात्मक (positive) अन्यथा नकारात्मक (negative)।  दरअसल हमारे अनुकूल वास्तु हमारे कार्य स्थल या निवास को सकारात्मक ऊर्जा (positive energy) प्रदान करता है जो हमें सही विचारधारा प्रदान करती है और उस जगह को एक आकर्षण शक्ति (attraction)  प्रदान करती है, जो मदद करती है धन , सफलता , समृद्धि , शांति और सही रिश्तो (wealth, success , prosperity, peace and relations) को हमारी तरफ आकर्षित करने में।  समय के साथ बदलते शोध (research ) ने वास्तु  शास्त्र के छुपे रहस्यों को उजागर किया और पाया की भवन की भीतरी सज्जा  में बदलाव भी अंदर सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह पैदा कर सकते है।

स्वस्तिक में भगवान श्रीगणेश का वास कहा गया है और भवन के मुख्य द्वार के दोनों तरफ स्वस्तिक का होना नकारात्मक ऊर्जा के प्रवेश को रोकता है, ठीक ऐसे ही मुख्य द्वार पर श्री गणेश की स्थापना समस्त वास्तु दोषो को दूर करते है।

मुख्य  द्वार जितना अधिक सुन्दर, साफ़ और आकर्षक होगा निवास  उतना ही अधिक वंहा रहने वालो के लिए शुभ और positive energy को आकर्षित करने वाला माना जाता है।

घर में आते या जाते समय माँ तुलसी के पौधे के दर्शन हो और उनके पास नित्य संध्या शुद्ध घी का दीपक लगे तो संभव ही नहीं की उस घर में किसी पर का वास्तु दोष और negative energy रह सके, तुलसी के पौधे से सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा (negative energy) का नाश होता है ।

शयन कक्ष (bed room) में दक्षिण पश्चिम (SW) की दीवाल पर पति पत्नी की हंसती मुस्कुराती तस्वीर रिश्तो को हमेशा जीवंत रखती है , एवं उत्तर (north ) में धन के देवता कुबेर की छूटी मूर्ति धन की समस्या समाप्त कर सकती है।

नल से पानी का तपता रहना , घडी का बंद होना और शिशो में दरार होना , यंहा तक की घर की किसी टाइल का टुटा होना भी नकारात्मक परिणाम देता है , किसी भी प्रकार के दोष को दूर करना बहुत आसान है परन्तु मन में बैठी नकारात्मकता को दूर करना असंभव अतः सबसे पहले अपने आप को प्रसन्न रखने के लिए नित्य सुबह घर में भक्ति संगीत या गायत्री मंत्र चलता रहे ऐसे व्यवस्था करे , ये आप की सुबह और घर की ऊर्जा दोनों को खुशनुमा  कर देगा।

नित्य संध्या घर में सुगन्धित अगरबत्ती या  धुप बत्ती जलाए , जिसकी सुगंध न सिर्फ आपको प्रसन्न रखेगी बल्कि लक्ष्मी को भी आकर्षित करेगी।

गृहिणियां भोजन बनाते और परोसते समय हमेशा प्रसन्न मुद्रा में रहे आपकी ये प्रसन्नता न सिर्फ  भोजन को स्वादिष्ट बनाएगी बल्कि खाने वाले को ही प्रसन्नता , उत्तम स्वास्थ्य और सकारात्मकता प्रदान करेगी।

ऐसे ही बहुत से छोटे छोटे तरीके आपके घर को positive energy का भंडार बना देंगे जो आपको  सफल और समृद्ध।

पंकज उपाध्याय

इंदौर

Share

Comments

Write a Reply or Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *



*