तीन कहानिया (Inspirational Stories)

threestory

 1. अँधा युवक

रेल तेजी से अपने गंतव्य की तरफ बढ़ रही थी , खिड़की की तरफ से बाहर के नज़ारे देखता 24 वर्षीय युवक पेड़ों की तरफ देख जोर से चिल्लाया ” पापा देखो पेड़ पीछे की तरफ दौड़ रहे है ” , उसकी ये आवाज सुन पास ही बैठे एक दंपत्ति आश्चर्य चकित हुए।

कुछ देर बाद वो युवक फिर जोर से बोला “पापा देखो बदल हमारी रेल की दिशा में ही दौड़ रहे है “

अबकी बार उनसे रहा नहीं गया , उन दंपत्ति की तरफ से आवाज आई , “आप इसे किसी अच्छे डॉक्टर को क्यों नहीं दिखाते “

उस युवक के पिता ने मुस्कुराते हुए कहा , हम बस डॉक्टर के ही पास से आ रहे है , मेरा बेटा अब तक एक अँधा बच्चा था , और अब भगवान की दया से ये देख सकता है “

हर व्यक्ति की अपनी परिस्थिति होती है , उसको जाने बिना किसी भी प्रकार का अंदाजा लगना गलत है।

2. मुसीबत में कुत्ता 

एक बार एक व्यक्ति का प्यारा कुत्ता एक बाहर गहरे गड्डे में गिर गया , बहुत कोशिशों के बाद भी वो उसको निकाल नहीं पाया , अंत में उसने निर्णय लिया की क्यों न उसको वंही दफना दिया जाये।

इसके लिए उसने मिटटी डालना शुरू किया और वो मिटटी डालता रहा।

जैसे जैसे वो मिटटी डालता , कुत्ता मिटटी को पैरो से हटा का उस पर खड़ा हो जाता , और मिटटी आती और वो ऊपर आ जाता , और आखिरकार वो गड्डे के पुरे भर जाने के साथ बाहर आ गया।

कई बार जैसे जैसे मुसीबत बढ़ती जाती है वैसे ही उसका हल भी साथ आते जाता है।

3. जीवन में बदलाव

एक  बार एक बेटी ने अपने पिता से कहा उसका जीवन   बड़ा ही दुखी और दर्द से भरा है और  उसने बताया की वो संघर्ष करते करते अब थक चुकी है, एक समस्या समाप्त होती है और दूसरी शुरू , इसका क्या हल निकाला जाये उसके समझ से बाहर है।

उसके पिता जो की एक chef थे उसे किचन में ले गए , उन्होंने तीन बर्तनों में पानी भरा और तीनो को एक साथ गर्म होने की लिए रख दिया , बहुत ही जल्दी पानी गर्म होने लगता , अब एक में उन्होंने आलू डाले , दूसरे बर्तन में उन्होंने अंडे और तीसरे बर्तन में उन्होंने कॉफ़ी के बीज (coffee beans) डाल दिए।

उसके बाद अपनी बेटी को बिना एक भी शब्द कहे वो चुपचाप बैठ गए और तीनो बर्तनों को गर्म होने दिया , बेटी भी चुपचाप आश्चर्य  चकित हुई बैठी रही, अपने पिता की अगली प्रतिक्रिया का इंतज़ार करती हुई।

लगभग  20 मिनिट के बाद पिता ने गैस के तीनो चूल्हे बंद किया और तीनो बर्तनों में से आलू निकाल कर एक दूसरे बर्तन में रख दिए , ठीक ऐसे ही अन्य बर्तन में उबले हुए अंडे और एक प्याले में कॉफ़ी, फिर उन्होंने अपनी बेटी से पूछा तुम्हे क्या दिख रहा है।

तुरंत जवाब मिला आलू , अंडे और कॉफ़ी।

ठीक से देखो , कहते हुए पिता ने कहा ,आलू जो बहुत कड़क थे उबलते पानी में बहुत नरम से हो गए , वही एक कड़क से लगने वाले छिलकों के अंदर  रहने वाला पतला द्रव्य कुछ कड़क हो गया , ये था अंडो का बदलाव , और कॉफ़ी देखो इसका तो स्वाद ही बदल गया , क्या सोच सकती थी की वो बीज उबलने के बाद ऐसे हो सकते थे।

परिस्थितियां हम सभी के लिए संघर्ष पूर्ण होती है , हो सकती है , होती रहेंगी , परन्तु हमारे भीतर उनसे क्या बदलाव आता है , हम  इन में से कैसे होते है।  संघर्ष को स्वीकार कर सकारात्मक बदलाव जीवन को बदल सकता है।

 

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